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June 28, 2014

अद्भुत ( हिन्दी उपन्यास) - चेप्टर 52

डिटेक्टीव सॅम कारागृहमें ऍंथोनीके सामने बैठा था. डिटेक्टिव सॅमको कैसे बात शुरु करे कुछ समझमें नही आ रहा था. आखिर उसने कहा, '' मुझे इतने दिनोंसे एक सवालका जवाब नही मिल रहा था की वह सब नॅन्सीने मुझेही क्यों बताया ?''

'' नॅन्सी? ... आप क्या बोल रहे हो ... वह तो मर गई''

'' हां यह थोडी अजिब और अद्भूत बात है ... लेकिन उसकी रुह अभीभी जिंदा है '' सॅमने कहा.

'' डिटेक्टीव सॅम ... आप यह क्या बोल रहे हो ... आप मेरा मजाक तो नही उडा रहे हो ?''

'' नही मै जो कुछ बोल रहा हूं, जो कुछ बता रहा हूं, वह सब मैने अनुभव किया हूवा है ... तुम्हारा इसपर यकिन ना करना लाजमी है ... मुझेभी शुरु शुरुमें यकिन नही हूवा था...'' सॅमने कहा.

सॅम इतनी गंभीरतासे बोल रहा है यह देखकर ऍंथोनीने वह क्या बोलता है यह पहले ठिकसे सुननेका फैसला किया.

'' तुम्हे जब कोर्टमें जजने सजा सुनाई तब मुझे पता चला की नॅन्सीने वह सब बतानेके लिए मुझे क्यों चुना?'' सॅमने कहा.

'' क्या बतानेके लिए ?'' ऍंथोनीने पुछा.

'' की तुमनेही उन चार लोगोंको नॅन्सीका और जॉनका पता दिया. ''

'' नही मैने नही दिया '' ऍंथोनीने अपना बचाव करनेकी कोशीश की.

'' झूट मत बोल '' सॅमने आवाज चढाकर कहा.

ऍंथोनीने अपनी गर्दन झुकाई.

अब छूपानेमें क्या मतलब है ?...

सजा तो मुझे हो चूकी है ...

'' लेकिन यह सब तुम्हे कैसे पता चला ?'' ऍंथोनीने पुछा.

'' मुझे नॅन्सीने बताया '' सॅमने कहा.

'' लेकिन वहतो मर गई '' ऍंथोनीने आश्चर्यसे कहा.

'' उसकी रुहने ... उसके भूतने मुझे बताया '' सॅमने कहा.

ऍंथोनी उसकी तरफ अविश्वाससे देख रहा था.

'' उसने मुझे इसलिए बताया की मेरे जरिये तुम्हे यह सब पता चले की जोभी सब कत्ल हो चूके है... वे असलमें उसने, नॅन्सीने किये थे... और वे खुन तुमने किये ऐसा सिर्फ आभास उसने तैयार किया था..... और उस कत्लके लिए तुम्हे जो सजा हो रही है ... वह नॅन्सीकीही इच्छा है और इस तरहसे उसने तुमपरभी अपना बदला लिया है ...''

'' ऐसा कैसे हो सकता है ... वे सब कत्ल मैने मेरे बिल्लीके सहारे... वह इलेक्टॉनिक्स, वायरलेस ट्रान्समिशन सब मैने बनाया था... '' ऍंथोनीने सॅमको विश्वास देनेकी कोशीश करते हूए कहा.

'' लेकिन जब मैने तुम्हारा वह इलेक्टॉनिक्स, वायरलेस ट्रॉन्समिशन जांचकर देखा तब वह वेअरहाऊसके दरवाजेके बाहरतकभी काम नही कर पा रहा था... तो फिर उन चारोंके घरोंतक वह सिग्नल्स पहूंचनेका सवालही नही आता '' सॅमने कहा.

'' इतनाही नही तो उसने ऐसी कुछ बाते मुझे बताई की वह तुम्हारे अलावा और किसीकोभी पता नही है...' सॅमने कहा.

'' जैसे ?'' ऍंन्थोनीने पुछा. .

'' जैसे ... नॅन्सी और जॉनने, जब वे चार लोग उनके पिछे पडे हूए थे और वे ड्रेनेज पाईपमें छूपे थे, तब उन्होने तुझे फोन किया वह ... बादमें तुमने उन्हे कोई टॅक्सी पकडकर हिल्टन हॉटेल जानेके लिए कहा वह... .. और तुमने उनका किया हूवा विश्वासघात... दो- दो हजार डॉलर्स हरएकके पास लेनेके बदले तुमने उन चारोंको दिया हूवा उनका पता... और तुम जब पैसे लेनेके लिए गये थे तब उन्होने तुम्हे इस केसमें अटकानेकी दी धमकी ... '' सॅम एक एक कर सब उगल रहा था.

अब ऍंथोनी मुंह और आंखे फाडकर आश्चर्यसे और डरसे सॅमकी तरफ देख रहा था. एक के बाद एक आश्चर्यके धक्के उसे मिल रहे थे. वह सोचने लगा.

यह जो सब जानकारी उसने दी थी वह उसके अलावा और किसीको मालूम होनेका कोई सवालही पैदा नही होता था. ..

फिर यह बाते सॅमको कैसे पता चली ?..

दुसरी एक महत्वपुर्ण बात यह थी की फोन कर उन चार लोगोंको नॅन्सी और जॉनका पता बतानेकी बात सॅमको कैसे पता चली ...

और अब उसके कहे अनुसार सिग्नल ट्रान्समिशन दरवाजेके बाहरतकभी नही पहूंच पा रहा था...

ऍंथोनी अब गहन सोचमें पड गया.

उसे सॅम जो कह रहा था उसमें सच्चाई नजर आ रही थी...

लेकिन यह कैसे मुमकीन है ? ...

ऍंथोनी भूतप्रेतमें कभी यकिन नही करता था.

उसे अहसास हो रहा था की जाने अनजानेमें उसका शरीर कांप रहा है.

'' आप जो कह रहे हो, यह अगर सच माना जाए .... तो नॅन्सीने डायरेक्ट उन चार लोगोंको और फिर बादमें मुझे, ऐसा क्यो नही मारा ... इतना नाटक करनेकी क्या जरुरत थी ...'' अबभी ऍंथोनीका दिल नही मान रहा था.

'' उसने ऐसा क्यो किया ? यह वही जाने... लेकिन यह सच है की उसनेही उन चार लोगोंको मारकर तुम्हे उनके कत्लके इल्जाममें फंसाया है... '' सॅमने कहा.

ऍंथोनी अब एकदम खामोश और गंभीर हो गया था. कत्लका एक एक प्रसंग उसके आंखोके सामनेसे जाने लगा. और हर प्रसंगमें अब उसे नॅन्सीकी अदृष्य उपस्थीतीका अहसास होने लगा था.

'' लेकिन मुझे एक बात नही समझमें आती... की तुमने कोर्टमें नॅन्सीका बदला लेनेके लिए उनको जानसे मारा ऐसा झुठ क्यों कहा?'' सॅमने आखिर उसकी दुखती रगपर हाथ रखा था.

ऍंथोनी गंभीर था, वह और गंभीर हो गया. अब उसकी आंखोमें आंसू आने लगे थे.

उसने सॅमका हाथ अपने हाथमें लिया और उसके संयमका बांध टूट गया. वह उसके हाथपर अपना सर रखकर फुटफुटकर रोने लगा.

'' उसका कत्ल हो ऐसी मेरी बिलकुल इच्छा नही थी. ... लेकिन उन हरामजादोंने उसे जानसे मार दिया... मैने नॅन्सीको प्रपोज किया और उसने इनकार किया था ... इसलिए उसका गरुर तोडनेकी मैने ठान ली थी... और उस दिन जॉनका फोन आया और वह चान्स मुझे मिल गया... उसका सिर्फ बलात्कार हो और उसका गरुर टूटे इतनीही मेरी इच्छा थी... लेकिन बादमें कुछ अलगही घटनाए घटती गई... उसका खुन हो गया.... उन चारोंने मुझेभी उसमें घसिटनेकी धमकी दी ... इसलिए मैने उन चारोंको खतम करनेकी ठान ली.... और फिर मैने उनका एक एक कर कत्ल किया... '' ऍंथोनी रोते हूए सब बयान कर रहा था.

सॅमको क्या बोले कुछ समझ नही आ रहा था.

थोडी देर बाद ऍंथोनी शांत हो गया.

तब सॅमने फिरसे पुछा, '' लेकिन तुमने कोर्टमें नॅन्सीका बदला लेनेके लिए उन चारोंको मारा ऐसा झूठ क्यो कहा. ?''

फिरसे रोती हुई सुरत बनाते हूए ऍंथोनीने कहा, '' बोलता हूं... लेकिन प्लीज वह तुम्हारे और मेरे बिचमेंही रखीए... और किसीको पता नही चलना चाहिए... ''

'' ठिक है मै किसीको नही बताऊंगा '' सॅमने आश्वासन दिया.

'' मैने नॅन्सीके साथ जो किया वह मेरे घरवालोंको और पुरी दुनियाको पता चला तो मेरी उनके सामने क्या इज्जत रहेगी... अब मुझे फांसी हो रही है ... वह मेरे प्रेमीकाके बदलेके तौर पर किये कत्लके लिए ऐसी भलेही उनको गलत फहमी हो लेकिन आज उनके दिलमें मेरे लिए इज्जत और आदर है... वह इज्जत कमसे कम मेरे मरने तक बरकरार रहे ... और वह आपही कर सकते है ... '' ऍंथोनीने अब सॅमके पैर पकड लिए थे.

सॅमको उसकी ऐसी हिन दिन स्थिती देखकर उसपर तरसभी आ रहा था. उसे क्या किया जाए कुछ सुझ नही रहा था.

लेकिन नही ... कुछभी हूवा हो फिरभी ऍंथोनीने किया हुवा गुनाह माफीके लायक नही है. ....

उसके सरपर रखनेके लिए सामने किया हूवा हाथ उसने वैसाही पिछे खिंच लिया. ऍंथोनीने पकडे हूए उसके पैरभी उसने पिछे खिंच लिए. वह उठ गया और भारी कदमोंसे बाहर जानेके लिए दरवाजेके पास गया. चलते हूए एकदमसे दरवाजेके पास रुक गया और पिछे मुडकर उसने ऍंन्थोनीसे कहा, "" नॅन्सीको तुम्हे एक बात बतानेकी इच्छा है ''

'' कौनसी ?'' ऍंन्थोनीने अपनी आंखे पोछते हूए भारी आवाजमें पुछा.

'' की वह तुम्हे कभीभी माफ नही कर पायेगी ''

सॅम वहांसे तेजीसे, लंबे लंबे कदम भरते हूए निकल गया और ऍंन्थोनी डरके मारे फिके पडे, और मायूस चेहरेसे सॅमको जाता हूवा देखता रहा.


क्रमश:...

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