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June 28, 2014

अद्भुत ( हिन्दी उपन्यास) - चेप्टर 48

क्रिस्तोफर, रोनॉल्ड, पॉल, स्टिव्हन और ऍंथोनी टेबलके इर्दगिर्द बैठकर व्हिस्कीके जामपर जाम खाली कर रहे थे. क्रिस्तोफर और उसके तिन दोस्त पिकर टून होगए थे. ऍंथोनी अपनी हदमें रहकरही पी रहा था.

'' फिर ऍंथोनी ... इतनी रात गए इधर किधर घुम रहे हो?.. '' स्टिव्हनने ऍंथोनीके पिठपर हलकेसे मारते हूए पुछा.

उसे अच्छी खासी चढ गई थी ऐसा लग रहा था.

'' सच कहूं तो मै तुम्हारे यहा उस ट्रीटके बारेमें बात करनेके लिए आया था. '' ऍंथोनीने मौके का फायदा उठाते हूए असली बातपर आते हूए कहा.

'' कौनसी ट्रीट?'' पॉलने पुछा.

एकतो उसके खयालमें नही आया था या वह वैसा जतानेकी कोशीश कर रहा था.

'' अबे पगले... वह उस लडकीके बारेमें बोल रहा है '' ऍंथोनी बात स्पष्ट करनेके पहलेही रोनॉल्ड बिचमें बोला.

'' बाय द वे... तुम्हे ट्रीटका मजा आया की नही '' ऍंथोनीने पुछा.

सबलोग एकदम स्तब्ध, शांत और सिरीयस होगए. ऍंथोनी संभ्रममें उनके चेहरेकी तरफ देखने लगा.

'' देखो ... तुम्हारी ट्रीट शुरु शुरुमें अच्छी लगी ... लेकिन आखिरमें... ''

'' वह होता हैना की कभी कभी सुप शुरु शुरुमें अच्छा लगता है लेकिन आखिरमें तलेमें बैठे नमककी वजहसे उसका मजा किरकिरा हो जाता है....'' रोनॉल्ड क्रिस्तोफरका वाक्य पुरा होनेके पहलेही बोला.

'' तुम लोग क्या बोल रहे हो यह मुझेतो कुछ समझमें नही आ रहा है.. '' ऍंथोनी उसके चेहरेकी तरफ संभ्रमभरी दशामें देखते हूए बोला.

स्टिव्हनने क्रिस्तोफरकी तरफ देखते हूए पुछा, '' क्या इसको बोला जाये?''

'' अरे क्यो नही ... उसे मालूम कर लेने का हक है ... आखिर उस कार्यमें वह अपना बराबरका हिसेदार था... .'' क्रिस्तोफरने कहा.

'' कार्य ? ... कैसा कार्य ?'' ऍंथोनीने बेचैन होकर पुछा. .

'' खुन'' रोनॉल्डने ठंडे लहजेमें कहा.

'' ए उसे खुन मत बोल .... वह एक ऍक्सीडेंट था.'' पॉलने बिचमें टोका.

ऍंथोनीका चेहरा डरके मारे फिका पड चूका था.

'' कही तुम लोगोंने उस लडकीका खुन तो नही किया ?'' ऍंथोनी किसी तरहसे हिम्मत जुटाकर बोला.

'' तुम नही ... हम ... हम सब लोगोंने '' क्रिस्तोफरने उसके वाक्यको सुधारा.

'' एक मिनट ... एक मिनट... तुम लोगोने अगर उस लडकीको मारा होगा... तो यहां कहा मेरा संबंध आता है '' ऍंथोनीने अपना बचाव करते हूए कहा.

'' देखो .. अगर पुलिसने हमें पकड लिया... तो वह हमें पुछेंगे... की लडकीका अता पता तुम्हे किसने दिया...?..'' रोनॉल्डने कहा.

''... तो हमने भलेही ना बतानेका ठान लिया फिरभी हमें बतानाही पडेगा... '' पॉलने अधूरा वाक्य पुरा किया.

'' ... की हमें हमारे जिगरी दोस्त ऍंथोनीने मदत की '' पॉल शराबके नशेमें बडबडाया.

'' देखो .. तुम लोग बिना वजह मुझे इसमें लपेट रहे हो.. '' ऍंथोनी अब अपना बचाव करने लगा था.

"' लेकिन दोस्तो ... एक बडी अजिब चिज होनेवाली है '' क्रिस्तोफरने मंद मंद मुस्कुराते हूए कहा.

'' कौनसी ?'' रोनॉल्डने पुछा.

'' की पुलिसने हमें पकडा और बादमें हमें फांसी होगई ..'' क्रिस्तोफरने बिचमें रुककर अपने दोस्तोंकी तरफ देखा. वे एकदम सिरीयस हो गए थे.

'' अबे ... सालो... मेरा मतलब है अगर हमें फांसी होगई ...'' क्रिस्तोफरने स्टिव्हनकी पिठ हलकेसे थपथपाते हूए कहा.

पॉल शराबका ग्लास सरपर रखकर अजीब तरहसे नाचते हूए बोला, '' हां ... हां अगर हमें फांसी होगई तो...''

ऍंन्थोनीको छोडकर सारे लोग उसके साथ हंसने लगे.

फिरसे कमरेका वातावरण पहले जैसा होगया.

''हां तो अगर हमें फांसी होगई ... तो हमें उसके बारेंमे कुछ खांस बुरा नही लगेगा... क्योंकी आखिर हमने मिठाई खाई है ... लेकिन उस बेचारे ऍंथोनीको मिठाई हलकीसी चखनेकोभी नही मिली ... उसे मुफ्तमेंही फांसीपर लटकना होगा. '' क्रिस्तोफरने कहा.

कमरेंमे सब लोग, सिर्फ एक ऍंन्थोनीको छोड, जोर जोरसे हंसने लगे.

'' सच कहूं तो मै यहां तुम्हारे हर एकके पाससे दो-दो हजार डॉलर्स लेनेके लिए आया था. '' ऍंथोनीने कहा.

'' दो-दो हजार डॉलर्स ? ... मेरे दोस्त अब यह सब भूल जा ... '' रोनॉल्डने कहा.

ऍंथोनी उसकी तरफ गुस्सेसे देखने लगा.

'' देख अगर सबकुछ ठिक हूवा होता तो हम तुम्हे कभी ना नही कहते... बल्की हमारी खुशीसे तुम्हे पैसे देते... लेकिन अब परिस्थीती बहुत अलग है... वह लडकीकी मौत होगई ..'' रोनॉल्ड उसे समझाबुझानेके स्वरमें बोला.

'' .. मतलब ऍक्सीडेंटली ..'' स्टिव्हनने बिचमेंही जोडा.

'' तो अब वह सब ठिकाने लगानेके लिए पैसा लगेगा. ...'' रोनॉल्डने कहा.

'' सच कहूं तो ... हमही तुम्हारेपास इस सबका निपटारा करनेके लिए पैसे मांगने वाले थे...'' पॉलने कहा.

फिर सब लोग, ऍंथोनीको छोडकर, जोर जोरसे हंसने लगे. पहलेही उन्हे चढ गई थी और अब वे उसकी मजाक उडा रहे थे.

ऍंथोनीके जबडे कस गए. गुस्सेसे वह उठ खडा हूवा और पैर पटकते हूए वहांसे चलते बना. दरवाजेसे बाहर निकलनेके बाद उसने गुस्सेसे दरवाजा जोरसे पटक दिया.


क्रमश:...

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