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February 25, 2014

अद्भुत ( हिन्दी उपन्यास) - चेप्टर 6

डिटेक्टीव्ह सॅम और उसका एक साथी कॅफेमें बैठे थे. उनमें कुछतो गहन चर्चा चल रही थी. उनके हावभावसे लग रहा था की शायद वे हालहीमें हूए दो खुनके बारेमे चर्चा कर रहे होंगे. बिच बिचमें दोनोभी कॉफीके छोटे छोटे घुंट ले रहे थे. अचानक कॅफेमें रखे टिव्हीपर चल रही खबरोंने उनका ध्यान आकर्षीत किया.

डिटेक्टीवने जितोड कोशीश की थी की प्रेस हालहीमें चल रहे खुनको जादा ना उछाले. लेकिन उनके लाख कोशीशके बादभी मेडीयाने जानकारी हासिल की थी. आखिर डिटेक्टीव्ह सॅमकोभी कुछ मर्यादाए थी. वे एक हद तक ही बातें मिडीयासे छुपा सकते है. और कभी कभी जिस बातको हम छुपाना चाहते है उसीकोही जादा उछाला जाता है.

टीव्ही न्यूज रिडर बोल रहा था - '' कातिलने कत्ल किए और एक शक्स की लाश आज तडके पुलिसको मिली. जिस तरहसे और जिस बर्बरतासे पहला खुन हुवा था उसी बर्बरतासे या यूं कहीए उससेभी जादा बर्बतासे .. इस शक्सकोभी मारा गया. इससे कोईभी इसी नतीजेपर पहूंचेगा की इस शहरमें एक खुला सिरीयल किलर घुम रहा है.... हमारी सुत्रोंने दिए जानकारीके हिसाबसे दोनोभी शव ऐसे कमरेंमे मिले की जो जब पुलिस पहुंची तब अंदरसे बंद थे. पुलिसको जब इस बारेंमे पुछा गया तो उन्होने इस मसलेपर कुछभी टिप्पनी करनेसे इनकार किया है. जिस इलाकेमें खुन हुवा वहा आसपासके लोग अब भी इस भारी सदमेंसे उभर नही पाये है. और शहरमेंतो सब तरफ दहशतका मौहोल बन चूका है. कुछ लोगोंके कहे अनुसार जिन दो शक्स का खुन हूवा है उनके नामपर गंभीर गुनाह दाखिल है. इससे एक ऐसा निष्कर्ष निकाला जा सकता है की जो भी खुनी हो वह गुनाहगारोंकोही सजा देना चाहता है. इसकी वजहसे कुछ आम लोग तो कातिलकी वाहवा कर रहे है...''

'' अगर खुनीको मिडीया अटेंशन चाहिए था तो वह उसमें कामयाब हो चूका है .. हमने लाख कोशीश की लेकिन आखिर कबतक हमभी प्रेससे बाते छुपा पाएंगे'' डिटेक्टीव्ह सॅमने अपने साथीसे कहा. लेकिन सामने बैठा ऑफिसर कुछभी बोला नही. क्योंकी अबभी वह खबरें सुननेंमे व्यस्त था.

जोभी हो यह सब जानकारी अपने डिपार्टमेंटके लोगोंनेही लिक की है...

लेकिन अब कुछभी नही किया जा सकता है...

एक बार धनुष्यसे छूटा तिर वापस नही लाया जा सकता है..

सॅम सोच रहा था. फिर और एक विचार सॅमके दिमागमें चमका -
कही ये अपने सामने बैठेवाला ऑफिसर तो नही... जो सब जानकारीयां लिक कर रहा हो...

सॅम एक अजिब नजरसे उसकी तरफ देख रहा था. लेकिन वह अबभी टिव्हीकी खबरें सुननेमें व्यस्त था.

शहरमें सब तरफ सारी दशहत फैल चूकी थी.

एक सिरीयल किलर शहरमें खुला घुम रहा है....

पुलिस अबभी उसको पकडनेमे नाकामयाब ...

वह और कितने कत्ल करनेवाला है? ...

उसका अगला शिकार कौन होगा?..

और वह लोगोंको क्यो मार रहा है ?...

कुछ कारणवश या युंही ?...

इन सारे सवालोंके जवाब किसीके पासभी नही थे.


क्रमश:...

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